भररतीय स्वतांत्रतर आांदोलन में महिलर नेतृत्व: सरोहजनी नरयडू की भूहमकर कर ऐहतिरहसक हिश्लेषण
Keywords:
सरोतिनी नायडू, स्विंत्रिा आंदोलन, मतहला नेिृत्व, राष्टरीय कांग्रेस, मतहला सशक्तिकरर्Abstract
भारिीय स्विंत्रिा आंदोलन में मतहलाओं की भूतमका अत्यंि महत्वपूर्ण रही है, तिसमें सरोतिनी नायडू का योगदान तिशेष रूप से उल्लेखनीय है। प्रस्तुि अध्ययन का उद्देश्य सरोतिनी नायडू के स्विंत्रिा संग्राम में नेिृत्व की भूतमका का ऐतिहातसक तिश्लेषर् करना है। अनुसंधान में तििीयक स्रोिों का तिश्लेषर् करिे हुए पररकल्पना यह रखी गई तक सरोतिनी नायडू ने भारिीय स्विंत्रिा आंदोलन में मतहला नेिृत्व की नई तदशा प्रदान की। अध्ययन में पाया गया तक नायडू ने 1914 से 1949 िक 35 िषों िक स्विंत्रिा संग्राम में सतिय भागीदारी की। 1925 में िे कांग्रेस की प्रर्थम भारिीय मतहला अध्यक्ष बनीं। उन्ोंने मतहलाओं को रािनीतिक आंदोलन में भाग लेने के तलए प्रेररि तकया और मतहला सशक्तिकरर् के तलए तनरंिर कायण तकया। तनष्कषण में यह स्पष्ट होिा है तक सरोतिनी नायडू ने भारिीय स्विंत्रिा आंदोलन में मतहला नेिृत्व को एक नई पहिान तदलाई और आने िाली पीत़ियों के तलए प्रेरर्ास्रोि बनीं।
