भारतीय लोकतंत्र में आतंकवाद का उदय: कारण, प्रभाव और निवारण के उपाय
Abstract
भारतीय लोकतंत्र विश्व का सबसे बडा और विविधतापूर्ण लोकतंत्र है, जो अपनी सांस्कृ वतक,
धावमणक, भाषाई और भौगोवलक विविधता के वलए जाना जाता है। इसकी जड़ें गहरी और ऐवतहावसक हैं ,
जो देश के नागररकों को स्वतंत्रता, समानता और न्माय जैसे मौवलक अवधकार प्रदान करती हैं। हालांवक,
वपछले कु छ दशकों म़ें आतंकिाद एक गंभीर चुनौती के रूप म़ें उभरा है, वजसने लोकतांवत्रक मूल्ों और
राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित वकया है। आतंकिाद का उदय मुख्य रूप से धावमणक कट्टरिाद, आवथणक
असमानता, राजनीवतक अस्थिरता, सीमािती वििाद और वशक्षा की कमी जैसे कारकों के कारर् हुआ है।
इसके प्रभाि व्यापक और गंभीर हैं , वजनम़ें लोकतांवत्रक मूल्ों का क्षरर्, सांप्रदावयक तनाि, आवथणक
नुकसान और राष्ट्रीय सुरक्षा संकट शावमल हैं।
