सार्वजनिक एर्ं निजी क्षेत्र की कम्पनियों का वर्त्तीय निष्पादि का तुलिात्मक अध्ययि
Abstract
यह शोध पत्र सार्वजनिक एर्ं निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों के वर्त्तीय निष्पादि का तुलिात्मक अध्ययि प्रस्तुत करता है, वर्शेष रूप से भारतीय जीर्ि बीमा निगम (LIC) और बजाज आललयांज लाइफ इंश्योरेंस कंपिी (BALIC) के संदर्व में वर्त्तीय र्षव 2022-23 एर्ं 2023-24 को ध्याि में रखते हुए। र्ारत में जीर्ि बीमा उद्योग वर्त्तीय समार्ेशि और सामाजजक सुरक्षा का एक प्रमुख साधि है। अध्ययि का उद्देश्य दोिों कंपनियों के वर्त्तीय प्रदशवि का वर्श्लेषण करिा तथा सार्वजनिक एर्ं निजी क्षेत्र की रणिीनतयों में अंतर स्पष्ट करिा है।शोध में द्वर्तीयक आँकडों का उपयोग ककया गया है, जो र्ावषवक ररपोर्टवस, IRDAI प्रकाशिों तथा पूर्वर्ती शोध कायों से प्राप्त हुए। वर्श्लेषण हेतु प्रमुख मापदंड – प्रीलमयम आय, एसेट अंडर मैिेजमेंट (AUM), लाभप्रदता (PAT, VNB), क्लेम सेटलमेंट रेलशयो तर्था सॉल्र्ेंसी रेलशयो – का तुलिात्मक अध्ययि ककया गया। अध्ययि से स्पष्ट हुआ कक LIC का प्रीममयम आकार वर्शाल होिे के बार्जूद इसकी र्ृद्धध दर 0.23% पर जस्थर है, जबकक निजी कंपनियों िे 15% से अधधक की र्ृद्धध दजव की। LIC का AUM ₹43.97 लाख करोड के साथ सबसे बडा है, परंतु BALIC जैसी निजी कंपनियों का AUM तेजी से बढ़ रहा है। सॉल्र्ेंसी रेमशयो में BALIC (432%) LIC (190%) से कह ं आगे है, जो निजी क्षेत्र की वर्त्तीय सुदृढ़ता को दशावता है।
